कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी